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डेंगू बुखार क्या है ? जाने क्या है इसके लक्षण , उपचार और समाधान

 बदलता हुआ मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है।  और जब बात हो बारिश और आने वाली ठण्ड की तो यह प्रभाव और भी बढ़ जाता है।  सितम्बर और अक्टूबर माह में डेंगू, मलेरिया और बुखार जैसे बीमारियां काफी अधिक चरम पे रहती है खासकर डेंगू।  जब से कोरोना ने दस्तक दी है उसके बाद से डेंगू के भी नए वैरिएंट के फैलने की आशंका जताई जा रही है ,जो की एक चिंता का भी विषय है।  आपको अगर ज्ञात न हो तो बता दे की डेंगू की बीमारी का कोई इलाज नहीं है और यह अपने आप ठीक होने वाली बीमारी है , लेकिन यदि इसका समय रहते  यदि उचित उपचार नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।  डेंगू  के लिए कोई भी वैक्सीन न होने का कारण इससे लड़ना एक चुनौती भरा काम हो जाता है।  




डेंगू क्या है ?


डेंगू का बुखार, डेंगू वायरस ले जाने वाले मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है। मादा एडीज मच्छर इस वायरस का प्रमुख वाहक है। डेंगू एक संचारी रोग है जिसमे अगर आप उससे संक्रमित हो जाते है तो आप खुद इसके बहुत से इसके लक्षणों को अनुभव कर सकते है जिसके बारे में हम आगे के लेख में बात करेंगे।


बता दे की डेंगू की कोई भी वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है जिसका अर्थ है की यह एक जानलेवा बीमारी भी बन सकती है अगर इसका सही से इलाज न किया जाए। 

भारत में डेंगू  की समस्या बरसात और उसके तुरंत के बाद के महीने में सबसे अधिक रहती है।




क्या किसी भी मच्छर के काटने से डेंगू हो जाता है ?


डेंगू किसी भी मच्छर के काटने से नहीं फैलता, डेंगू का संक्रमण एक ख़ास तरह के मच्छर के काटने से फैलता है जो एडीज मादा मच्छर के नाम से जानी जाती है।  कहा  जाता है की सूर्योदय के कुछ घंटे पहले और सूर्यास्त के कुछ घंटे पहले इस मच्छर के काटने की संभावना अधिक रहती है. लेकिन इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है ऐसा  बिल्कुल भी नहीं है कि सूर्यास्त के बाद यह मच्छर आपको  न काटे।  



इन लक्षणों को कर रहे है  अनुभव…..हो सकता है डेंगू 


डेंगू के लक्षण इसकी गंभीरता के आधार पे अलग-अलग हो सकते है। बच्चो तथा किशोर में हल्के या शुरुआती डेंगू के लक्षण नहीं दिखाई देते है।  डेंगू के जो मुख्य लक्षणों में से एक है वो है बहुत तेज़ बुखार का आना जो 104 डिग्री तक हो सकता है।  इसके अलावा और भी कई लक्षण है जो की डेंगू के होने की ओर इशारा करते है जैसे- 


  • जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द
  • त्वचा पर लाल चकत्ते होना
  • ग्लैंड्स में सूजन होना
  • कपकपी लेके बुखार आना 
  • भयानक सरदर्द
  • आंख के पीछे दर्द
  • उल्टी होना
  • पेट में तेज दर्द


लेकिन डेंगू का बुखार यदि गंभीर हो जाए तो ये लक्षण भी देखने को  मिल सकता है- 


  • सांस लेने में कठिनाई होना
  • बेचैनी और चिड़चिड़ापन होना
  • पेशाब, मल या उल्टी के साथ खून आना
  • थकान और कमजोरी महसूस करना
  • मसूड़ों या नाक से खून आना
  • उल्टी में खून
  • थकान
  • बेचैनी


क्या डेंगू अपने आप ठीक हो जाता है ?


देखा गया है अगर आपको मध्यम स्तर का डेंगू है और आप बहुत कम लक्षण महसूस करते है तो डेंगू सामान्यतया तीन से सात दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है।  लेकिन यदि लक्षण बढ़ने की प्रवृति रखते है और समय गुजरने के साथ इनकी तीव्रता बढ़ती जाती है तो उस स्थिति में आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।  



डेंगू में सबसे ज्यादा शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है ?


डेंगू में वैसे तो पूरा शरीर प्रभवित हो जाता है पर कुछ ख़ास अंग जैसे लीवर, फेफड़े  हृदय, तांत्रिक और श्वशन तंत्र बहुत ज्यादा प्रभावित होते है।  


डेंगू बुखार में कौन- कौन से लक्षण दिखाई देते है?


डेंगू बुखार निम्न चरणों में होकर फैलता है-



बहुत तेज़ बुखार- डेंगू के प्राथमिक लक्षणों में आपको 101-104 डिग्री फ़ारेनहाइट के बीच बहुत तेज़ बुखार होता है तापमान आमतौर पे वायरस के संपर्क में आने के 3-15 दिनों के बीच होता है।  


सम्पूर्ण शरीर में दर्द- डेंगू में पूरे शरीर में दर्द उठाता है क्योकि वायरस की उपस्थिति विटामिन और मिनरल्स की कमी का कारण बनती है जिससे दर्द और पीड़ा होती है। इसिलए डेंगू को रक्तस्रावी बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है।  


उल्टी व जी मिचलाना- ये लक्षण इसलिए दिखाई देते है क्योकि डेंगू की स्थिति में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का हो जाती है और वायरस हमारे के शक्तिशाली होने के कारण वायरस हमारे गैस्ट्रिक ट्रैक्ट में चल जाता है।  ये वहां ज्यादा से ज्यादा दो दिन तक रहता है, लेकिन  यदि उससे ज्यादा दिन तक वह रहता है तो ये लक्षण ऐसे ही बने रहते है।  


त्वचा पर चकत्ते- त्वचा पर लाल व काले चकत्ते डेंगू में होना काफी आम बात है।  ये चकत्ते हमारी रोग प्रतिरोधी क्रिया के चलते हमारे शरीर में फैलता है।  ये चकत्ते होना सामान्य है और डेंगू के ठीक होंने की उपरांत अपने आप चले जाते है।  


सिरदर्द व आँखों में दर्द होना-  डेंगू में सिरदर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और आंखों के पीछे के हिस्से में  दर्द काफी सामान्य रूप से देखा गया है। 


पेट में दर्द- डेंगू में पेट का दर्द होना एक आम बात है।  



नाक व मसूड़ों से खून आना- कभी कभी तो यह सामान्य होते है लेकिन लक्षण बढ़ने के साथ ये गंभीर भी हो सकते है। 


मल से खून आना- डेंगू बुखार के 3 से 5 दिन के  बाद एक लक्षण देखने को मिल सकता है।  डेंगू के मरीजों में टार जैसा काला मल हो सकता है। इसे मेलेना कहा जाता है। यह मुख्य रूप से पाचन तंत्र में रक्तस्राव के कारण होता है।


भूख में कमी- किसी भी वायरस के शरीर में प्रवेश करने के पश्चात शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता कमज़ोर हो जाती जिससे भूख में कमी आ जाती है और कुछ खाने की भी इच्छा नहीं होती है।  



डेंगू  के बारे में कुछ मुख्य तथ्य -


  • अक्सर लोग इस बात को लेके आशंकित रहते  है कि डेंगू  किसी मानवीय सम्पर्क में आने से फैलता है।  आपको बता दे कि यह बात पूरी तरह से गलत है। डेंगू केवल मच्छर, (मादा एडीज मच्छर)  के काटने से  फैलता है। यह मच्छर अक्सर दिन के समय जयादा सक्रिय रहता है , इसलिए सलाह दी जाती है कि आप डेंगू संक्रमण के दौरान आप पूरे बाह के कपडे पहन कर ही  बाहर निकले। 

  • डेंगू एक रक्तस्रावी बुखार है जिसका अर्थ हैं कि ये आपके शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या में भारी गिरावट का कारण बनता है जिसके परिणामस्वरूप गंभीर रक्तस्राव होता है और रक्तचाप में गिरावट आती है। और यदि ऐसी स्थिति लगातर बानी रहती है तो यह जानलेवा भी हो सकता है।  


  • यदि एक गर्भवती महिला डेंगू से ग्रस्त हो जाती है तो बहुत हद्द तह यह संभावना देखी गयी है कि यह माँ से उसके बच्चे में भी जा सकता है।  
  • डेंगू के दौरान रोगी को किसी भी तरह कि दर्द निवारक दवा नहीं लेने कि सलाह दी जाती है क्योकि ये दवाये प्लेटलेट काउंट पर हानिकारक प्रभाव डालती है जिससे अंदरूनी रक्तस्राव कि गति अधिक हो जाती है।
  • डेंगू का इलाज करने का सबसे सही तरीका यह है कि रोगी का तापमान नियंत्रण में रखा जाता है।  रोगी को पर्याप्त मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट तरल पदार्थ से हाइड्रेटेड रखा जाना चाहिए।  इसके साथ ही रोगी को पोषण से भरे खाद्य पदार्थ लेने की भी सलाह दी जाती है।  
  • डेंगू बुखार कि रोकथाम के लिए मच्छरों के प्रजनन गति के उन्मूलन को  बढ़वा देना होगा।  चूँकि एडीज मच्छर साफ, स्थिर और शांत पानी में प्रजनन के लिए जाना जाता है इसलिए हमें अपने पास यह देखना होगा कि कही भी पानी का जमाव तो नहीं है , और अगर है तो उसे तुरंत ही खली कर दे अन्यथा यह मच्छरों के लिए एक प्रतिकूल स्थिति के रूप में सामने आ सकता है।  
  • डेंगू के बुखार कि अगर जल्दी पहचान हो जाए और इसका समय पर उचित इलाज हो जाए तो यह जानलेवा नहीं है।  


  • डेंगू से बचाव के लिए अभी तक कोई भी टीका उपलब्ध नहीं है।  


डेंगू बुखार से बचाव के क्या तरीके है ?


डेंगू से मादा एजिप्टी मच्छर के माध्यम से फैलता है, इससे बचाव करना बेहद जरूरी है नहीं तो यह आपको गंभीर रूप से संक्रमित कर सकता है।  डेंगू से बचाव के कई के तरह उपाय अपनाये जा सकते है जिनमे से कुछ कि चर्चा हम यहाँ कर रहे  है। 



पूरी बाजू के कपडे-  कहा जाता है कि डेंगू का मच्छर अक्सर दिन के समय जयादा सक्रिय होता है और ज्यादातर दिन के समय ही काटता है।  इसलिए  डेंगू से बचने के लिए यह सलाह दी जाती है कि जब भी आप  दिन  के समय घर के बाहर निकले तो पूरी बाजू के कपडे पहन कर ही निकले।  



मच्छरदानी का प्रयोग- डेंगू व मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचने के लिए सबसे असरदार उपाय यह है कि आप जब भी रात में सोए तो मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करे।  यह आपको डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाने में मदद करता है।  



खिड़की दरवाज़े बंद रखे-  मच्छर को मानव कि गंध बहुत ज्यादा आकर्षित करती है और यह अक्सर ही उनके पास रहना चाहते।  यदि आपके घर के खड़की और दरवाज़े खुले रहते है तो  इन मच्छरों को घर के अंदर आने का रास्ता मिल जाता है और यह आपको काट सकते है।  


स्थिर पानी- यदि आपके आस पास कोई स्थिर पानी वाली जगह है तो आपको जल्द से जल्द उन्हें खली खाली देना चाहियें, क्योकि डेंगू के मच्छर अपने अंडे साफ़ पानी में ही देते है।  


ठोस व तरल कचरा- जहाँ तक संभव हो घर के कूड़े को गीले व सूखे दो भागो में बाँट के रखा जाए , जिससे मच्छर  व अन्य बीमारी न पनप पाए।  


टंकी की नियमित सफाई- यदि आपके घर पे टंकी लगी और आप उस पानी का उपयोग अपने दैनिक कार्यो में करते है तो आपको हर चार से पांच महीने के अंतराल पे उसकी नियमित सफाई कराते रहना चाहिए।  


मच्छर प्रतिरोधी(रेपेलेंट) का प्रयोग- यदि आपके घर में या आपके आस पास के क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप ज्यादा है तो आप मच्छर प्रतिरोधी(रेपेलेंट)  का प्रयोग जरूर करे।  ये आपके घर में किसी भी तरह के मच्छर को आने से रोकता है।  



डेंगू के घरेलु उपचार


अगर आप डेंगू के शुरूआती लक्षण मह्सूस कर रहे है तो आप इन घरेलु नुस्खों या उपायों को अपनाकर अपना डेंगू घर पे भी ठीक कर सकते है।  



पपीते के पत्ते- पपीते की पत्ती यदि आप डेंगू के दौरान लेते है तो यह आपके-


  • प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है। 
  • बुखार के लक्षणों को ठीक करता है। 
  • जी मिचलाना जैसी समस्याओं को दूर करता है। 
  • शरीर का तापमान नियंत्रित करता है। 

कैसे करे सेवन: आप पपीते की पत्ती को पीसकर या कुचलकर पानी की पर्याप्त  मात्रा के साथ उसका सेवन कर सकते है। 



गिलोय- आयुर्वेद में गिलोय को एक रामबाण औषधि के तौर पे जाना जाता  है क्योकि यह कई सारे रोगो को दूर करने के लिए दी जाती है। इसे पीसकर या पानी में उबालकर रोगी को आवश्यकता अनुसार देने से डेंगू की समस्या में आराम मिलता है।    


तुलसी के पत्ते और काली मिर्च- तुलसी के पत्ते और काली मिर्च में कई तरह के एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है जो आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और आपको रोगो से लड़ने में मदद करता है।  


हल्दी- यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है और जिससे उपचार की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है।  


मेथी के पत्ते- मेथी के पत्ते को  बुखार को कम करने और दर्द को कम करने और अधिक आरामदायक नींद को बढ़ावा देने के लिए सिडेटिव के रूप में कार्य करने के लिए जाने जाते हैं।



   Marc Cure Ayurveda:       Visit us | Facebook | Twitter | Instagram


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